> Agricultural production is a function of climate, which is, now itself in unpredictable conditions due to the Global Warming effect, so the agricultural production of various crops will be affected badly. It is not only agricultural crops but the production of fruits and vegetables will also be influenced by the change of climate.
> A report by Scientists from 23 countries found that warming of the earth due to “Global Warming” would reduce agricultural production in many developing countries, especially those belonging to the third world.
> Geologists of Geological Survey of India have found that Himalayan Glaciers are reducing by 15m every year. According to Vasudeva (2007) Gangotri Glacier is receding by 25m every year, Pindari Glacier by 23m every year, Dokriani by 18m every year and Sonapani by 17m every year.
> Source: Daily Excelsior (September 19, 2023)
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*कृषि उत्पादन पर ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव*
> कृषि उत्पादन जलवायु का एक कार्य है, जो अब ग्लोबल वार्मिंग प्रभाव के कारण अप्रत्याशित परिस्थितियों में है, इसलिए विभिन्न फसलों का कृषि उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होगा। जलवायु परिवर्तन से न केवल कृषि फसलें बल्कि फलों और सब्जियों का उत्पादन भी प्रभावित होगा।
> 23 देशों के वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट में पाया गया कि ""ग्लोबल वार्मिंग"" के कारण पृथ्वी के गर्म होने से कई विकासशील देशों, विशेषकर तीसरी दुनिया से संबंधित देशों में कृषि उत्पादन कम हो जाएगा।
> भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के भूवैज्ञानिकों ने पाया है कि हिमालय के ग्लेशियर हर साल 15 मीटर कम हो रहे हैं। वासुदेवा (2007) के अनुसार गंगोत्री ग्लेशियर हर साल 25 मीटर, पिंडारी ग्लेशियर हर साल 23 मीटर, डोकरियानी हर साल 18 मीटर और सोनापानी हर साल 17 मीटर पीछे खिसक रहा है।